सोमवार, 18 फ़रवरी 2013

मुझ मे मेरा ही वजूद था वो,

मुझ मे मेरा ही वजूद था वो,
मेरा मुझसे ही अब, जुदा हो गया कोई।

दिल लगाने की ख़ता की थी,
आज चॉद भी निकला, तो डर गया कोई।

हमराही भी युँ बदला उसने,
पुराना लिबास अब
, जैसे छोङ गया कोई।

वो ऐसे दुर चला गया मुझसे,
अपने ही घर से, जैसे निकल गया कोई।

जिन्दगी की किताब था वो,
हर्फ नही खाली लकीरें ही,छोङ गया कोई। {अधीर }

सोमवार, 11 फ़रवरी 2013

तेरी यादों की महक ..

तेरी ही यादों मे , खोये रहता हुँ मै ,
मेरी चाहतो से ,क्यो बेपरवाह हो तुम।

बहाने ढुंढ़ता हुँ ,तुम्हे याद करने के
कैसे समझाऊँ,मेरी जिन्दगी हो तुम।

मेरी चाहत की, नाकामी का क्या कहुँ,
कबुल ना हुयी अब तक,वो दुआ हो तुम।

हर सांस मे बस, तेरी यादों की महक है,
इस तरसते दिल का, अरमान हो तुम।

कुछ और ख्वाब ही, नही है जिन्दगी मे,
दिल का बस, आखिरी अरमान हो तुम। { अधीर }

बुधवार, 6 फ़रवरी 2013

हमारी आँखें

बिछुङने का दर्द, भुलें नहीं हम अब तक,
रस्ता देख रही है ,हमारी बिलखती आँखें।

मुद्दत हो गयी है, उन्को रुबरु देखे हुये भी,
इंतजार करती है,हमारी सिसकती आँखें।

टुटकर बिखर गये है,हम उन्की जुदाई मे,
नमी को तरसी थी,आज है बरसती आँखें।

दम घुटता है अब,तन्हाई के इन अंधेरों मे,
बंद हो जायेगी ,बिन देखे ही तरसती आँखें। {अधीर }